"चप्पल पर चिपका कीचड़" शीर्षक से प्रेरित हिंदी कविता पुस्तक एक साहित्यिक संग्रह है, जिसमें समाजशास्त्रिय, मानवतावादी, विरोधाभासी, प्रेम, विश्वासघात, राजनीति आदि जैसे गहन विषयों पर प्रतिभात्मक नज़्मों और ग़ज़लों का आदान-प्रदान हुआ है। इस पुस्तक द्वारा, आप व्यापक सामाजिक मुद्दों के संकेतों का विचार करेंगे, भ्रष्टाचार के अंधकार से बचने वाले असलीता को उजागर करेंगे और प्रेम, विश्वासघात, राजनीति आदि के विषयों पर दिलकश और विचित्र अनुभवों को प्रस्तुत करेंगे। यह कविता पुस्तक अनुभवों की एक गहन जांच है, जो सभी साहित्य प्रेमियों को आकर्षित करेगी। "चप्पल पर चिपका कीचड़" के माध्यम से, आपका साहित्यिक अन्धाकार दूर होगा और एक रोचक, संवेदनशील और गाढ़ी कविता संसार में आपका स्वागत होगा। इस पुस्तक के माध्यम से छिपी हुई भावनाओं को उजागर करने के लिए तत्पर रहें, क्योंकि इससे आपकी ज़िन्दगी का अद्वितीय साहित्यिक सफर शुरू हो जाएगा!
Chappal Par Chipka Kichad
- Pravin Gupta
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