निबन्ध संग्रह 'हिन्दी भाषा और साहित्य' बहुआयामी सर्जक-कवि गीतकार, छन्दकार, दोहाकार, कहानीकार, उपन्यासकार एवं निबन्धकार के रूप में स्थापित श्री त्रिवेणी प्रसाद दूबे 'मनीष' जी की रचनाधर्मी-यात्रा का उल्लेखनीय अभिनव सोपान है। हिंदी भाषा की प्रतिष्ठा, उन्नयन एवं सर्वजन हिताय साहित्य-सृजन के प्रति समर्पित दूबे जी की इस कृति में हिंदी भाषा और साहित्य के विभिन्न पक्षों से संबंधित दस निबंध संगृहीत हैं| भाषा मानव के लिए अमूल्य धरोहर है और इसके मूल में मानव की सर्जनात्मक शक्ति भी है| किसी भी भाषा की वास्तविक पहचान उसके वैविध्यपूर्ण प्रयोग की स्तरीयता एवं साहित्य से होती है जो उसे सरस, कलात्मक, सीमातीत और कालजयी बनाता है|दूबे जी का हिंदी भाषा पर पूर्ण अधिकार है परिणामतः सभी निबंधों में विषयानुसार, संदर्भानुसार बोधगम्य, प्रांजल, संप्रेषणीय भाषा एवं प्रवाहपूर्ण शैली का प्रयोग दृष्टिगत होता है| वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी भाषा के विभिन्न पक्षों एवं साहित्य पर केंद्रित ऐसे ही निबंध संग्रह की परम आवश्यकता है| नवोदित रचनाकारों, अध्येताओं के लिए हिंदी भाषा के बहुआयामी प्रयोग की समुचित जानकारी साहित्य-सृजन के संदर्भ में उपयोगी है| प्रोफेसर(डाॅ.)उषा सिन्हा भूतपूर्व अध्यक्ष भाषाविज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय
Hindi Bhasha aur Sahitya
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- Triveni Dubey 'Manish'
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