“मुक्तकंठै” मानवीय सोच और संवेदनाओं की मुक्तकंठ काव्यात्मक अभिव्यंजना है, जिसमें डॉ महेश भट्ट जो एक सर्जन, सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार, एवं लेखक हैं, उन्होंने विभिन्न कविताओं के माध्यम से जीवन की खूबसूरती और विद्रूपताओं को रेखांकित किया है। इन कविताओं को “मुक्तकंठै” शीर्षक के तहत एक कविता संग्रह में पिरोया गया है, जो हमारे दौर की हक़ीक़तों और उनकी विद्रूप सच्चाइयों को मानवीय सोच और मानवता के मूल्यों पर कस कर के देखने की कोशिश है। इन कविताओं के माध्यम से हम व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के मर्म को समझ और देख सकते हैं कि किस प्रकार से हमारे विचारों के ईकोसिस्टम में हम अपने दौर में घटित घटनाओं का विश्लेषण कर पाते हैं।
Muktkanthai
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- Mahesh Bhatt
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