मैंने छोटी-छोटी कविताओं का संग्रह लिखा है, जिनमें से प्रत्येक में चार पंक्तियाँ हैं। मैंने इसे "शब्दी चौराहा" नाम दिया है, क्योंकि चारों लाइनें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, फिर भी यह चौराहे की तरह एक अलग रास्ता या मानसिकता देता है। मैं चाहता था कि मेरी बात संक्षिप्त और अर्थपूर्ण ढंग से कही जाए। यह विचार मेरे मन में गुलज़ार जी की कुछ कविताएँ पढ़कर आया। मेरे द्वारा लिखी गई ये सभी कविताएँ अपने आप में गहरे अर्थ रखती हैं और उस जीवन से प्रेरित हैं जो मैं अपने आसपास देखता हूँ। मैंने कुछ मुद्दों को भी उठाने की कोशिश की और पुराने समय की तुलना में आज की दुनिया में आए बदलावों को भी उठाया। मुझे उम्मीद है कि इसे लिखकर मैं किसी भी उम्र के लोगों को प्रेरित कर सकूंगा और इसी प्रकार खुद को सफल महसूस करूंगा।
Shabdee Chauraaha
$11.00Price
- Rajat Arora
- All items are non returnable and non refundable